शिमला
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में रोड़ा अटकाने पर बैंकों को फटकार लगाई गई है। सरकार ने सभी प्रतिनिधि बैंकों के प्रतिनिधियों को राज्य सचिवालय में हुई बैठक में तलब किया। उनसे पूछा कि जब सरकार ऋण नहीं चुका पाने की स्थिति में इसे खुद चुकाने की गारंटी दे रही है तो इसे देने में क्यों आनाकानी की जा रही है। बैंकों को यह भी कहा गया है कि वे मामले रद्द करने का कारण कोडल औपचारिकताएं पूरी नहीं होना लिखते हैं, जबकि इसका कारण साफ-साफ लिखा जाना चाहिए। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार इस बात की गारंटी दे चुकी है कि बेरोजगारों को दिया गया कर्ज नहीं डूबेगा। अगर यह फंसा तो इसका सरकार भुगतान करेगी।
बैठक में सभी जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधक बुलाए गए। इनके अलावा तमाम प्रतिनिधि बैंकों के प्रतिनिधि भी बुलाए गए थे। बिक्रम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ 45 वर्ष तक के आयु के लोग उठा सकते हैं। अब वर्ष 2018-19 में शुरू हुई इस स्कीम में अब तक 995 लोगों को मंजूरी दी जा चुकी है। युवाओं को जेसीबी खरीदने, शटरिंग लगाने, टेंट हाउस, जिम, इको टूरिज्म, साइबर कैफे, एप्पल ग्रेडिंग, फूड प्रोसेसिंग और डायग्नोस्टिक सेंटर बनाने को उपदान दिया जा रहा है। इसमें युवा 60 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें बैंकों को 40 लाख रुपये तक का ऋण देना होगा। तीन साल तक के लिए पांच फीसदी ब्याज दर पर कर्ज लिया जा सकेगा। भुगतान पांच से सात साल तक किया जा सकेगा।
किस बैंक में कितने मामले फंसे
बैंक मामले
पीएनबी 250
एसबीआई 292
यूको 90
सहकारी बैंक 65
केसीसी 115
हिमाचल ग्रामीण बैंक 107
जोगिंद्रा बैंक 54
बैंक ऑफ बड़ौदा 16
केनरा 66
पीएनबी 250
एसबीआई 292
यूको 90
सहकारी बैंक 65
केसीसी 115
हिमाचल ग्रामीण बैंक 107
जोगिंद्रा बैंक 54
बैंक ऑफ बड़ौदा 16
केनरा 66
कुल 940